Unique Style: In this district of Chhattisgarh, the festival is celebrated a week before
धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में वैसे तो रंगो का त्यौहार होली आने वाले 8 मार्च को मनाई जाऐगी पर लेकिन अपने अनोखे दस्तूर के चलते धमतरी मे सेमरा गाॅव के लोग मंगलवार को ही मना लिया।हफतेभर पहले ही त्यौहार मनाने सदियो की इस परम्परा को मौजूदा पिढियॅा भी आगे बढा रही है,अब वो चाहे दिवाली का हो या फिर दशहरा,बिना यह माने कि एैसा आस्था नही अधंविश्वास के चलते भी हो सकता है।
बताया जाता है कि इस लकिर को तोडने की जूर्रत करने पर कोई ना कोई अनहोनी जरुर होती है।बाद इसके दिगर जगहो से अलहदा त्यौहार मनाने का ये तरिका अब इस गाॅव की पहचान बन चूकी है .जिसे देखने हर मौके पर लोग दूर दूर से आते है।वक्त जरुर बदला लेकिन धमतरी के सेमरा गाॅंव के दस्तूर आज भी कायम है.. धमतरी से करीब 22 किमी दूर इस गाॅव मे हफतेभर पहले ही त्यौहार मनाने का अनोखा दस्तूर है अब वो चाहे दिवाली का हो या फिर दशहरा इस दस्तूर के अतीत अजीब दास्तां छिपी है.
सदियो पहले गाॅव के देवता सिदार ने सपने मे कहा था कि हर त्यौहार मनाने के पहले उन्हे हूमधूप देना जरुरी है।जिसके चलते आज भी गाॅव के लोग अपने गाॅव के देवता को खूश करने हर त्यौहार हफतेभर पहले मनाते आ रहे है जो अब एक परम्परा बन गई है।भले ही आज के जमाने के लोग इस पर यकिन ना करे लेकिन .बताया जाता है कि एैसा नही करने से उनके उपर आफत आ सकती है..जबकि सदियो से चली आ रही इस परम्परा को यूवा वर्ग भी अंधविश्वास के बजाए आस्था से जोडकर देखता है और इसे आगे संजोए रखने का यकिन दिलाती है उनकी माने इसी दस्तूर के बहाने उन्हे अपने रिश्तेदारो से मिलने और मेहमाननवाजी का मौका मिल जाता है जो यहां त्यौहार देखने आते है वैसे तिथि से पहले त्यौहार मनाऐ जाने की वजह से ये गाॅव भी काफी मशहूर हो गया है जिसे देखने लोग दूरदराज से आते है।त्यौहार के तौर तरिको के बारे मे इस गांव की महिलाएं का कहना दिगर जगहो की तरह ही अलसूबह से वे इसकी तैयारी मे लग जाती है और पूजापाठ के साथ पूरा परिवार ओर गाॅव खूशी के उत्सव मे शामिल हो जाते है ।