सुकमा: सुकमा जिले के धोबनपाल ग्राम के बालक सुशील मरकाम ने अपने माता पिता के साथ ही सुकमा जिला और छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। सुशील ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए देश भर से चयनित 25 विद्यार्थियों में अपनी जगह बनाई। संसद भवन नई दिल्ली में 25 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में सुशील ने धोती, कुर्ता, सर पर पटका और कलगी के साथ रुपिया माला आदि पारंपरिक आभूषणों से सुसज्जित होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसकी प्रशंसा लोक सभा के अध्यक्ष शओम बिरला सहित अन्य अतिथिगण एवं उच्च प्रशासनिक अधिकारियों ने की है।
बीएचयू से कर रहे है बीए ऑनर्स की पढ़ाई
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बीए ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे धोबानपाल के सुशील मरकाम का चयन नई दिल्ली में आयोजित “homage to National leaders” कार्यक्रम में हुआ। सुशील ने बताया की छत्तीसगढ़ राज्य से चयनित होने वाले एकमात्र प्रतिभागी थे। उसे इस बात का गर्व है की संसद भवन में उपस्थित समस्त मंत्रीगण ने उसके पारंपरिक पहनावे की प्रशंसा करते हुए छत्तीसगढ़ और खासकर बस्तर के बारे में कौतूहल से पूछने लगे। इसके साथ ही अन्य प्रदेशों से आए प्रतिभागियों ने भी छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के बारे में जानने के प्रति उत्साहित थे।
राष्ट्रीय स्तर पर रहे छठवें स्थान पर
सुशील का चयन नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से हुआ। राष्ट्रीय युवा संसद में उन्होंने क्रमशः जिला, संभाग, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता जीत कर टॉप 10 में जगह बनाई। किंतु किसी कारणवश वे संसद भवन जाने को चयनित नहीं हुए, पर किस्मत ने अपना जादू दिखाया और 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई एवं महामना श्री मदन मोहन मालवीय के जयंती के अवसर पर आयोजित “homage to National leaders” गोष्टी कार्यक्रम में उनका चयन हुआ, जिसकी थीम लोक कला और संस्कृति थी। सुशील ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा को धारण किया और संसद भवन के सेंट्रल हाल में कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस अनुभव को अपने जीवन के स्वर्णिम पलों में से एक बताते हुए कहा की राष्ट्रीय स्तर पर अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाकर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे है।