अंबिकापुर। अविभाजित सरगुजा के वाड्रफनगर फुलीडूमर क्षेत्र में पानी में बवंडर देख कर लोग अचरज में पड़ गए। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने पहली बार पानी में ऐसा बवंडर देखा है।
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इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि जल बवंडर के दौरान प्रतिचक्रवाती होता है जो हवा को नीचे से ऊपर की ओर तेज घुर्णन (circulation) के साथ खींचता है। यदि यह किसी जलराशि के ऊपर से गुजरता है तो वहां तेजी से जल बादलों की ओर चल पड़ता है। कुछ वर्ष पूर्व मैनपाट में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। मौसम वैज्ञानिक श्री भट्ट ने कहा कि इस प्रकार निर्मित जल बवंडर में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध इतनी अधिक ऊर्ध्वाधर गतिज ऊर्जा बनती है कि यह अपने मार्ग में आने वाले पेड़, मकान, वाहन आदि को ऊपर उठा सकता है और उन्हें विस्थापित कर सकता।