सूरजपुर: सांसदों के लोकसभा क्षेत्र में कुछ गांव को अन्य गांवों के लिए आदर्श बनाने के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2014 में की थी, लेकिन सरगुजा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के द्वारा गोद लिया गया आदर्श ग्राम झूमर पारा फिलहाल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है,प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत इन गांवों में आठ सुविधाएं मजबूत करनी थी, पहली सड़क सुविधा उपलब्ध कराना,दूसरा दूरसंचार,तीसरा पेयजल और शौचालय,चौथा आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों के लिए बेहतर वातावरण निर्मित करना, पांचवां स्वास्थ्य केंद्र, छठवां पेयजल सुविधा, सातवां गांव में जल निकासी की व्यवस्था करना और आठवां ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन करना है, लेकिन जैसे ही आप सरगुजा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के द्वारा गोद लिए गए गांव झूमर पारा पहुंचेंगे तो सड़कों की स्थिति ऐसी है कि वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुहाल है, बरसात में तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है, वही पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, गांव में शौचालय तो बने हैं लेकिन उपयोग करने लायक नहीं हैं, कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह गांव किसी भी स्थिति में आदर्श गांव नहीं माना जा सकता है, ग्रामीणों के अनुसार आदर्श ग्राम की घोषणा के बाद यहां के लोगों ने सांसद को देखा तक नहीं है, साथ ही भाजपा के कार्यकर्ता भी नाराज बताया जा रहे हैं, यही वजह है कि कुछ दिन पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा ही सांसद के गुमशुदगी का पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल किया गया था, वही इस पूरे मामले में कांग्रेस भी सरगुजा सांसद रेणुका सिंह पर हमलावर है, उनके अनुसार सरगुजा सांसद जनता को बरगलाने का काम कर रही हैं, आदर्श ग्राम बनाने की उनकी सोच ही नहीं है, भाजपा आपस की गुटबाजी में उलझा हुआ है ऐसे में वह क्षेत्र का विकास कैसे कर पाएंगे ??