अंबिकापुर: मेंड्राकला महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में महिला उद्यमी हाथ आजमा रहीं है। रीपा के जरिए जिले में पहली बार जैम, जैली, सॉस, मिक्स अचार, महुआ चटनी सहित विभिन्न तरह के उत्पादों का शक्ति बचत महिला समूह से जुड़ी महिलाओ को प्रशिक्षण दिया गया है। दस दिनों का प्रशिक्षण पूर्ण कर अब उद्यमी महिलाएं रीपा में उत्पादों का निर्माण कर रही हैं जिन्हें बाजारों तक पहुंचाया जा रहा है।
बायोटेक लैब के वैज्ञानिक डॉ प्रशांत ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के निर्देशन में बायोटेक लैब में हुए प्रशिक्षण में इमली का आचार, जैम, जेली, पपीते का फ्रूटी, आम का पना, मिक्स आचार, आम का आचार, कटहल का आचार बनाना सिखाया गया है। आधुनिक तकनीकों से सीखकर अब ये महिलाएं ना सिर्फ अब इनका उत्पादन कर सकेंगी बल्कि इनसे इन्हें अच्छी आमदनी भी होगी।
उत्तरी छत्तीसगढ़ में कटहल आम, टमाटर, पपीता सहित अन्य उद्यनिकी फसलों का उत्पादन अच्छा होता है। इसी कारण जिला प्रशासन द्वारा इनसे बने उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से बनी रहे। मेंड्राकला रीपा में फूड प्रोसेसिंग इकाई प्रारंभ हो चुकी है। अब स्थानीय फलों और सब्जियों से निर्मित उत्पाद स्थानीय बाजारों में उपलब्ध होंगे।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों को अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाने गांवों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क तैयार किए गए हैं। इस योजना से प्रदेश की युवाओं और महिलाओं को रोजगार के नये अवसर मिल रहे हैं।