अंबिकापुर: इन दिनों एलिफेंट रिजर्व अंतर्गत गेम रेंज में बड़ी संख्या में मशीनो का उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा रहा है।जंगल के भीतर कई किलोमीटर तक जेसीबी मशीन के जरिए कच्चे सड़को का जाल बनाया गया है,इन्ही रास्तों से गुजरकर मशीनों के साथ ट्रेक्टर निर्माण स्थल तक पहुँचते है,और लाखों लाखों के तालाब निर्माण में जुट जाते हैं जिस कारण स्थानीय सहित आसपास के मजदूरों को काम भी नसीब नही हो पा रहा है।
बात कर रहे हैं एलिफेंट रिजर्व अंतर्गत गेम रेंज पिंगला के तुन्दीबारी सर्किल में मशीनों से कराये जा रहे अंधाधुंध निर्माण कार्यों की।बड़ी तादात में मशीनों का उपयोग कर करोड़ो के तालाब निर्माण कार्य इस सर्किल में इन दिनों चल रहे हैं।इसके पूर्व भी इस रेंज में प्रभारी रेन्जर के द्वारा इसी तर्ज पर निर्माण कार्यों को अंजाम दिया गया था,जिसके फलस्वरूप उन्हें प्रभारी रेन्जर के पद से हटा उन्हें तुन्दीबारी सर्किल पर पदस्थ किया गया था,लेकिन ठेकेदारी में मझ चुके डिप्टी रेंजर साहब को वनों की सुरक्षा की चिंता किये बगैर फिर से ठेकेदारी में कूद पड़े। सूत्र बताते हैं कि पूरे पिंगला रेंज में सर्वाधिक कार्य तुन्दीबारी सर्किल में हो रहा है जहा के सर्किल प्रभारी पूर्व में इस गेम रेंज के प्रभारी रेन्जर हुआ करते थे।
मशीन से काम कराकर मजदूरों के नाम फर्जी हाजरी भर कर रहे हैं बड़ा खेला
सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने कई प्रयास करती है,स्थानीय स्तर में लोगो को काम मिल सके इसलिए रोजगार गारंटी अधिनियम के अलावा हर विभागीय कार्यों में मशीनों के साथ मजदूरों को भी काम देना है,सूत्र बताते हैं कि,एलिफेंट रिजर्व में इसके उल्ट मशीनों से निर्माण कार्य करा कर मजदूरों के नाम पर वाउचर तैयार कर राशि आहरण कर लिया जाता है। गेम रेंज पिंगला के तुन्दीबारी सर्किल अंतर्गत धूड़िया जंगल मे भी पूर्व की भांति लाखों रुपये की लागत से बन रहे तालाब निर्माण में बड़ी संख्या में मशीनों को लगाया गया है।इस जंगल के भीतर जिस स्थान पर तालाब बनवाया जा रहा है उसकी उपयोगिता क्या होगी यह तो गेम रेन्जर ही बता पाएंगे।फिलहाल देखना यह है कि क्या धूड़िया जंगल मे हो रहे तालाब निर्माण कार्य का भुगतान मशीनों का बिल लगाकर किया जाता है या फिर मजदूरों के नाम फर्जी हाजरी भर कर मजदूरी भुगतान के रूप में पूर्व की भांति राशि नगदी में आहरण कर लिया जाएगा है