Sunday, November 24, 2024
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नवीन कानूनों के क्रियान्वयन हेतु सरगुजा में एक दिवसीय सेमिनार: आम नागरिकों को भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता एवं साक्ष्य अधिनियम पर जागरूक किया गया

अंबिकापुर: सरगुजा पुलिस द्वारा जारी अभियान “ऑपरेशन विश्वास” के तहत पीजी कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम मे नवीन कानूनों के क्रियान्वयन के सम्बन्ध मे छात्र छात्राओं, विभिन्न गैर सरकारी संगठन, वरिष्ठ पत्रकारो, समाज के सभी वर्गों के प्रबुद्धजनो मे जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग द्वारा दीप प्रज्वलन कर सेमिनार कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम मे पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंजअंकित गर्ग एवं कमिश्नर सरगुजा संभाग जी.आर.चुरेंद्र का पुष्पगुच्छ से स्वागत सम्मान किया गया।

सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग ने कहा कि समाज के सभी वर्गों मे नवीन कानूनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उक्त सेमिनार का आयोजन किया गया हैं।सेमिनार का मुख्य उद्देश्य आमनागरिकों की दिनचर्या से जुड़े हुए कानूनों एवं आमनागरिकों कों प्रभावित करने वाले कानूनों के सम्बन्ध मे जानकारी प्रदान करना हैं।पूर्व प्रचलित क़ानून सन 1860 से देश मे प्रभावशील था और यही क़ानून आमलोगो की सामान्य दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं, पूर्व प्रचलित क़ानून लम्बे समय से चले आ रहे थे, नवीन कानूनों के सम्बन्ध मे कार्यशाला एवं सेमिनार के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगो कों क़ानून मे हुए बदलाव की जानकारी दी जा रही हैं, नवीन क़ानून मे जीरो एफआईआर की सुविधा हैं, जिसमे आम व्यक्ति किसी भी छेत्र के थाने मे अपनी शिकायत एवं रिपोर्ट दर्ज करा सकता हैं, थाना छेत्र की सीमा कों दूर करने के अन्य प्रावधान भी दिए गए हैं जीरो एफआईआर के तहत अपराध दर्ज कर सम्बंधित थाने कों प्रकरण अग्रिम जांच हेतु निश्चित समयावधि मे भेजा जाना होगा, साथ ही नवीन क़ानून मे कई ऐसे ही कई बदलाव किये गए हैं जो आमनागरिकों के प्रति जवाबदेही तय करते हैं एवं दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाया गया हैं उपरोक्त नवीन क़ानून भारतीय परिस्तिथियो कों ध्यान मे रख कर भारतीयों द्वारा तैयार किया गया हैं, वीडियोग्राफी, ऑडियोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य कों प्राथमिक साक्ष्य के रूप शामिल किया गया हैं, पुराने क़ानून की स्वीकार्यता नवीन परिस्थितियो के हिसाब से भिन्न थी, अब साइबर अपराध, आतंकवाद, संगठित अपराध, मॉब लिंचिंग सम्बन्धी अपराधों की नवीन परिस्थितियों कों ध्यान मे रखकर नवीन क़ानून कों लागु किया जाना आवश्यक था।

सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर सरगुजा विलास भोस्कर ने कहा कि 01 जुलाई 2024 से नया क़ानून लागु होना सुनिश्चित हैं, पुराने कानूनों मे कुछ व्यवहारिक परिवर्तन किया गया हैं, कुछ नियम बदले गए हैं, और कुछ नियम जो वर्तमान के लिए आवश्यक थे उन्हें जोड़ा गया हैं, जिला प्रशासन, पुलिस एवं माननीय न्यायालय द्वारा आमनागरिकों को नवीन क़ानून के सम्बन्ध मे सम्यक जानकारी दी जा रही हैं, न्याय प्रणाली मे पारदर्शिता लाने के लिए नागरिक केंद्रित क़ानून बनाया गया हैं, आप सब नवीन क़ानून का प्रचार प्रसार करें, जन जन तक नवीन कानूनों कों पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबकी हैं, पुराने कानूनों मे बदलाव कर नवीन कानूनों कों सरल एवं पारदर्शी किया गया हैं, एवं आमजनता कों अपने अधिकारों की रक्षा हेतु नये क़ानून को आत्मसात करने की जानकारी दी गई।सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने कहा कि जो क़ानून अंग्रेजो द्वारा उस समय की परिस्थितियो कों देखकर बनाये गए थे वो अब नवीन परिस्थितियों के हिसाब से कानूनों मे बदलाव किया जाना आवश्यक था, तीनो नवीन क़ानून भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य संहिता कों वर्तमान मे लागू किया जाना हैं, आपराधिक क़ानून देश के प्रत्येक व्यक्ति पर लागु होते हैं और सबको प्रभावित करते हैं, पुराने क़ानून औपनिवेशिक काल मे लागू किये गए थे, पुराने क़ानून मे आज की परिस्थितियों कों ध्यान मे रखकर बदलाव की आवश्यकता महसूस की जाती रही थी, नवीन क़ानून मे नये अपराध कों सम्मिलित कर नये क़ानून लाये गए हैं, पुराने कुछ क़ानून कों समाप्त किया गया, नवीन कानूनों मे ई-एफआईआर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दर्ज करा सकते हैं, बच्चों एवं महिलाओ के विरुद्ध सख़्ती से कार्यवाही की जाने के प्रावधान किये गए हैं साथ ही आतंकवाद, मॉब लिंचिंग मे सख्त प्रावधान किये गए हैं,पूर्व मे कोर्ट की प्रक्रिया मे काफी समय लगता था, जिसे अब समय सीमा के अंदर तय किया गया हैं, उपरोक्त नवीन क़ानून सम्पूर्ण प्रक्रिया कों दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर लाये जाने हेतु महत्वपूर्ण कदम होना बताया गया, नवीन क़ानून का लाभ आमनागरिकों कों प्रदान करने एवं नागरिको की सुविधाओं से जुड़े नवीन प्रावधानो का जानकारी दिए जाने हेतु सेमीनार का आयोजन सरगुजा पुलिस द्वारा किया गया हैं।

नवीन क़ानून सम्बन्धी सेमिनार कार्यक्रम मे समाज के प्रबुद्धजनों, शिक्षित वर्ग, गैर सरकारी संगठनों, पीजी कॉलेज प्राचार्य, साईं बाबा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य, सहायक अभियोजन अधिकारियो, नवाबिहान टीम, ब्रम्हकुमारी बहनो सहित पुलिस अधिकारियो/कर्मचारियों द्वारा मंच से अपने नवीन क़ानून के सम्यक जानकारी हेतु वक्तव्य दिया गया, और नवीन क़ानून के प्रचार प्रसार पर जोर देकर जन जन तक सम्यक जानकारी प्रदान करने की बात बताई गई, विधि विशेषज्ञ द्वारा नवीन कानून के जानकारी छात्र छात्राओं, सहित आमनागरिकों कों प्रदान किया गया।कार्यशाला के दौरान सुजीत कुमार उ.म.नि 10 वीं वाहिनी सिलफिली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों, नगर पुलिस अधीक्षक रोहित शाह, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ग्रामीण अमित पटेल, उप पुलिस अधीक्षक जयराम चेरमाको, संभागीय सेनानी नगर सेना राजेश पाण्डेय, प्राचार्य पीजी कॉलेज रिजवान् उल्ला, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, निरीक्षक प्रदीप जायसवाल, निरीक्षक दुर्गेश्वरी चौबे, प्राचार्य साईं बाबा कॉलेजराजजेश श्रीवास्तव, वक्तागण ब्रजेश राय विभागाध्यक्ष विधि संकाय,श्रुति कांबले एडीपीओ, जितेश्वरी सोनवानी, एडीपीओ, डॉ मिलेन्द्र सिंह सहायक प्राध्यापक,उप निरीक्षक अभय सिंह, सहायक उप निरीक्षक अभय तिवारी एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि, एनजीओ एवं पुलिस अधिकारी कर्मचारीगण सहित काफ़ी संख्या मे छात्र छात्राएं शामिल रहे।

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