ठंड का मौसम शुरू होते ही प्रवासी पक्षी सैकड़ों किमी की लंबी उड़ान भरकर भारत पहुंचने लगे हैं, इनमें से कुछ प्रवासी पक्षियों का डेरा इन दिनों सरगुजा के अलग अलग इलाकों में देखा जा रहा है. अलग-अलग प्रवासी पक्षी भोजन की तलाश में धान के खेतों व सरगुजा के जंगलों में नजर आ रहें है. हालाकी सामान्यतः शहरी या आबादी वाले क्षेत्रों में ये प्रवासी पक्षी नही दिखते हैं जिन्हें दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर खोजना पड़ता है. अम्बिकापुर के वाइल्डलाइफ प्रेमी डॉ. हिमांशू गुप्ता ने इन पक्षियों को खोजा है और उसकी खूबसूरत तस्वीर ली है.
सरगुजा के पक्षी प्रेमी डॉ. हिमांशु गुप्ता बताते हैं कि “ठंड शुरू होते ही प्रवासी पक्षी साउथ की ओर प्रस्थान कर गए हैं इस समय ये सरगुज़ा के जंगलों में हैं. व्हाइट वैगटेल, रॉक थ्रश, ब्लू रॉक थ्रश, साइबेरियन स्टोन चैट भी हैं जो साइबेरिया से माइग्रेट होकर आते हैं. रैप्टर्स भी हैं ये बड़े साइज के होते हैं जो पक्षियों को हंट करते हैं. पाइड हैरियर, मार्श हैरियर हैं ये सब प्रवासी पक्षी सरगुजा में अभी देखने को मिल रहे हैं. जैसे जैसे ठंड बढ़ रही है सरगुज़ा में प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है”
डॉ. हिमांशू ने प्रवासी पक्षियों की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया है. वो फोटोग्राफी के शौकीन हैं और इसके लिये काफी मेहनत भी करते हैं. हिमांशू गुप्ता पेशे से डॉक्टर हैं और अम्बिकापुर के शासकीय अस्पताल नवापारा में कैंसर की कीमोथेरेपी विभाग देखते हैं. मरीजो के इलाज के अलावा उन्हें पक्षियों से प्रेम है जिस कारण वो दुर्लभ पक्षियों की फोटोग्राफी का भी शौक रखते हैं और प्रवासी प्रवासी प्रक्षियों के संबंध में अच्छी जानकारी भी रखते हैं.