रायपुर: छत्तीसगढ़ की समृद्ध पुरातत्व और ऐतिहासिक धरोहरों से आम जनता और महाविद्यालयीन और स्कूली बच्चों को परिचित कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग की दो नई योजनाओं की मंजूरी दी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना और मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना प्रारंभ की जाएंगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में हुई संस्कृति विभाग की बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इन नई योजनाओं को प्रारंभ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना में हर वर्ष राज्य के प्रत्येक जिले से दो महाविद्यालय/शासकीय कार्यालय का चयन किया जाएगा। चयनित महाविद्यालय/शासकीय कार्यालय में ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक धरोहरों की प्रतिकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इससे आम जनता के साथ-साथ महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं में छत्तीसगढ़ की समृद्ध पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति लगाव और जुड़ाव की भावना जगेगी।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना का उद्देश्य राज्य शासकीय-अर्द्धशासकीय ( अनुदान प्राप्त) स्कूलों महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अंचल के ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूक करने तथा उनमें धरोहरों के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराने स्कूलों-महाविद्यालयों को प्रोत्साहित करना है। ‘मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना’ हेतु प्रतिवर्ष राज्य के प्रत्येक जिले के 3 स्कूल/महाविद्यालय का चयन किया जायेगा।
इन दोनों ही योजनाओं में स्कूलों-महाविद्यालय और शासकीय कार्यालयों के चयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति होगी। समिति में पुलिस अधीक्षक/मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जिला पंचायत), संचालक पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा नामांकित कार्यालयीन प्रतिनिधि, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा नामांकित व्यक्ति तथा कलेक्टर द्वारा नामांकित महाविद्यालय का प्राचार्य सदस्य होंगे। उक्त दोनों योजना का प्रशासनिक विभाग छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग होगा तथा इनके क्रियान्वयन हेतु नोडल कार्यालय संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर होगा।