अंबिकापुर/उदयपुर : 11 हाथियों का दल उदयपुर वन परिक्षेत्र में डेरा जमाए हुए है। बुधवार को हाथियों के हमले से बाइक सवार दंपती छोटे बालक सहित बाल बाल बचे है। हाथियों ने बाइक को सूंड से उठाकर सड़क किनारे फेंक दिया और उनके झोले में रखे सामान मक्का इत्यादि को चट कर गया।
विदित हो की करम कठरा जंगल से सोमवार को दोपहर 3 बजे करीब 11 हाथियों का दल बाहर निकल कर सड़क पर आया । इसी दौरान केदमा से अंबिकापुर की ओर जा रहे बाइक में सवार दंपती भी छोटे बालक सहित मौके पर पहुंच गए । वन अमला की टीम द्वारा मना करने के बाद भी बाइक सवार लोग उक्त सड़क पर आगे बढ़ने लगे । महेशपुर चौक के पास हाथियों के दल को देखकर बाइक सवार ने गाड़ी को वही छोड़कर तीनों लोग सड़क पर दौड़ लगाने लगे तभी हाथियों ने बाइक सवारों को दौड़ाना प्रारंभ किया । सबसे पहले हाथियों ने बाइक को सुड से सड़क के किनारे किया फिर झोला में रखे सामानों को निकाल कर खाने लगे तब तक दूसरी छोर पर खड़े वन अमले की टीम ने सभी लोगों को वहां से किनारे किया। बाइक में रखे झोला के मक्का और अन्य सामानों की वजह से बाइक सवारों को भागने का अवसर मिला और वन विभाग की टीम सूझ बूझ से सभी को किनारे ले जाने से एक बड़ा हादसा होते होते रह गया।
ग्रामीणों द्वारा वन हमले की समझाइश की अनदेखी करना जान जोखिम में डालने के कगार पर पहुंचा सकती है। परंतु लोग मानने को तैयार नहीं होते हैं मोबाइल में वीडियो बनाने और फोटो खींचने के जिद की वजह से भी कई बार गंभीर परिस्थितियों का सामना वन विभाग एवं ग्रामीणों को करना पड़ता है।उक्त घटना के बाद हाथियों का दल खुटेन पारा जंगल की ओर बढ़ गया और पूरी रात अलग अलग ग्रामीणों के खेतों में धान की फसल को खाने लगे। मंगलवार को उदयपुर का साप्ताहिक बाजार होने की वजह से सुरक्षा की दृष्टि से जजगी चौक उपका पारा और लक्ष्मणगढ़ मारडीह पारा तथा एक अन्य जगह पर केदमा रोड को दोपहर 12 बजे से पूरी तरह देर शाम तक के लिए बंद कर वैकल्पिक मार्ग से उदयपुर जाने लोगों को समझाइश दी गई है।
वन अमला द्वारा प्रभावित ग्रामों में यथा संभव टार्च का वितरण किया जा रहा है। हाथियों का दल प्रत्येक वर्ष उदयपुर वन परिक्षेत्र में आता है लोगों के लिए अब तक राहत की बात सिर्फ यही है की अभी तक ग्रामीणों के घरों एवं बस्तियों की तरफ हाथी के दल ने रुख नहीं किया है।
वन अमला उदयपुर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में दो पालियों में 24 घंटे हाथियों की निगरानी में जुटी हुई है।