मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो चुका है। रविवार को पीएम मोदी के साथ 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 66 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें अश्विनी वैष्णव भी शामिल थे। सोमवार की शाम जब मोदी सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ, तो इसमें अश्विनी वैष्णव का अहम रोल रहा।हालांकि बालासोर की रेल दुर्घटना अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल का एक काला अध्याय भी है, लेकिन हादसे के बाद उनकी तत्परता ने दुनिया को प्रभावित किया। यही वजह है कि रेल मंत्रालय का जिम्मा एक बार फिर अश्विनी वैष्णव को सौंपा गया है।
इस बार अश्विनी वैष्णव के खाते में 20 सीटें आई हैं और बीजेपी यहां पर पहली बार सरकार बनाने जा रही है। कुल 147 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के खाते में 78 सीटें गई हैं, जबकि बीजेडी को केवल 51 सीटें मिली हैं। इस तरह 24 साल पुरानी बीजेडी सरकार सत्ता से बेदखल हो गई है।बीजेपी को यह बंपर कामयाबी दिलाने में अश्विनी वैष्णव की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। करीब 28 साल पहले वैष्णव उड़ीसा कैडर के प्रशासनिक अधिकारी थे और यहां पर जमीनी रूप से जुड़े थे। लंबे समय तक यहां तैनाती के कारण उनकी राज्य में मजबूत पकड़ बन गई थी। एक-एक सीट के लिए अलग-अलग रणनीतियां बनाने में भी उनकी खास भूमिका रही है।यही वजह है कि अश्विनी वैष्णव को सूचना एवं प्रसारण जैसे बड़े मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।