सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली द्वारा क्षेत्रीय केंद्र दमोह में आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में विद्यालयों की भूमिकादिनांक 03 सितंबर से 12 सितंबर 2024 का आयोजन किया गया जिसमें देश के 10 विभिन्न राज्यों से आये 65 शिक्षक/शिक्षिकाओं ने प्रतिभागिता की। सिद्धि समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर सुधीर कोचर ने शिक्षकों से बात की उनसे कार्यशाला के अनुभव पूछे एवं इस कार्यशाला को सार्थक बनाने शिक्षकों से कहा कि अपने अपने विद्यालयों में छात्रों के बीच सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत को
लेकर उन्हें जागरूक करें इस अवसर सीसीआरटी के विभिन्न प्रकाशन की प्रदर्शनी लगायी गई, शिक्षकों द्वारा बनाये गये प्रोजेक्ट वर्क को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में दमोह जिले के जिलाधिकारी श्री सुधीर कोचर एवं जिला शिक्षा अधिकारी एस के नेमा के करकमलों द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए एवं उन्होंने उत्साह वर्धन किया गया, साथ ही शिक्षा विभाग से मोहन राय, सीसीआरटी से देवनारायण रजक, अनुज बाजपेयी एवं त्रिपाल सिंह मौजूद रहे। इस कार्यशाला में आये हुए समस्त प्रशिक्षकों के द्वारा जीवनोंपयोगी शिक्षा प्रदान करते हुए बताया, की अतीत को प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए भविष्य के लिए धरोहर बनाये रखने के लिए वर्तमान में उनका संरक्षण नितांत आवश्यक है। प्रशिक्षण के साथ-साथ प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए, कुण्डलपुर स्थित बड़े बाबा की (जैन) मंदिर, रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय आदि स्थानों का भ्रमण भी कराया गया। साथ ही बांदकपुर स्थिति स्वयंभू जागेश्वर नाथ मंदिर, खजुराहो जटाशंकर मन्दिर, भीमकुण्ड, बागेश्वर धाम आदि प्रसिद्ध स्थानों को भी देखने का अवसर प्राप्त हुआ। छात्रोपयोगी विभिन्न क्राफ्ट, पेंटिंग, जूट वर्क, विभिन्न भाषाओं के गीत व नृत्य भी सिखाया गया। शासकीय हाई स्कूल फुलचुही के व्याख्याता विपिन बिहारी गहवई ने सरगुजा जिले का प्रतिनिधित्व किया। इस कार्यक्रम के लिए पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से 10 लोगो में से बलौदा बाजार जिले से जगदीश “हीरा” साहू रायपुर से राजेश शर्मा, श्रीमती जिया देवी पटेल,सरगुजा से विपिन बिहारी गहवई, जांजगीर चित्रकांत पांडे, धमतरी श्रीमती ममता साहू बिलासपुर श्रीमती मंजू लता मेरसा ने इस प्रशिक्षण में अपनी भागीदारी दी है।