मां महामाया एयरपोर्ट के स्मूथ रनवे को देखकर मुख्यमंत्री ने जताई खुशी, कहा सरगुजा की एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से यहां पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
अम्बिकापुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने रनवे, एटीसी टावर, एन्टी हाईजैक रूम, अराइवल और डिपार्चर सेक्शन का निरीक्षण किया और गुणवत्तायुक्त कार्य तय समय पर पूरा होने अधिकारियों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरगुजा में मां महामाया एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए लंबे समय से चर्चा प्रदेश स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर हो रही थी। निरंतर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से तथा खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से इस संबंध में चर्चा कर प्रयास किया जाता रहा। साथ ही लगातार दिल्ली में विमानन मंत्रालय से भी संपर्क में रहे। आज यह एयरपोर्ट बड़े विमानों को उतारने के लिए भी तैयार हो गया है। 48 करोड़ रुपये की लागत से बनी अट्ठारह सौ मीटर एयर स्ट्रिप से यह संभव हो गया है। यह पूरा क्षेत्र 364 एकड़ में है और भविष्य में अधिक संख्या में बड़े विमानों के उतारने के लिए एयरपोर्ट के अधिक विकास के लिए भी कार्य योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 दिनों बाद डीजीसीए की टीम यहां निरीक्षण के लिए आने वाली है। इसके तुरंत बाद हम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। लाइसेंस के आवेदन लगाने के बाद सामान्यतः 25 दिनों में लाइसेंस जारी हो जाता है। अंबिकापुर से दिल्ली बनारस और रायपुर की फ्लाइट शुरू करने का सुझाव विमानन मंत्रालय को देंगे। सुझाव के स्वीकृत हो जाने से इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास की बड़ी संभावनाएं बनेंगी। 3 दिन बनारस की फ्लाइट और 3 दिन दिल्ली की फ्लाइट आरंभ होने से सरगुजा की सुंदरता विमानन रूट के माध्यम से भी उपलब्ध हो जाएगी और लोग सहजता से सरगुजा पहुंच पाएंगे। सरगुजा की खूबसूरती विलक्षण है और अब विमानन सुविधा उपलब्ध होने से पूरे देश के पर्यटक यहां के जंगल और पहाड़ियां की प्राकृतिक सुंदरता निहार सकेंगे। वे मैनपाट देख सकेंगे और सरगुजा में रामगढ़ की पहाड़ियां देख सकेंगे। इसके साथ ही तातापानी के गर्म जल के स्रोत भी देख सकेंगे। इस तरह से सरगुजा पर्यटन नक्शे में तेजी से प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा एयरपोर्ट देश के सबसे पुराने एयरपोर्ट में से एक है। आजादी के बाद 1950 में यहां डब्ल्यूबीएम एयरपोर्ट बनाया गया था। 1974 में इंदिरा गांधी यहां आईं थीं। अब जब यह एयरपोर्ट विकसित हो गया है तो निजी विमान भी यहां उतर सकेंगे और बड़े विमानों की लैंडिंग से सरगुजा के पर्यटन का तेजी से विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर का समय सरगुजा को देखने के लिए सबसे अच्छा समय होता है विमानन सुविधा आरंभ होने से यहां पर बड़े पैमाने पर टूरिस्ट इस मौके पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां रामवन गमन पथ भी पर्यटक देख सकेंगे। सरगुजा का स्वर्ग जैसा दृश्य देख सकेंगे। इस अवसर पर पुराना अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब यहां विमान की लैंडिग होती थी तो गोता लगाने जैसा अनुभव होता था। अब शानदार एयर स्ट्रिप बन जाने से स्मूथ लैंडिंग हो रही है।
इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं सामरी विधायक चिंतामणि महाराज, सीजीएमएससी अध्यक्ष एवं लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम, आईजी रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर कुन्दन कुमार, एसपी भावना गुप्ता सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी शामिल रहे। इस दौरान कलेक्टर कुन्दन ने एयरपोर्ट के शुरुआत से लेकर अब तक के कार्यों की जानकारी दी एवं एसपी भावना ने एयरपोर्ट सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी।