Sunday, November 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ के ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव‘ में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों...

छत्तीसगढ़ के ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव‘ में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह‘ की होगी भागीदारी

छत्तीसगढ़ के ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव‘ में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह‘ की होगी भागीदारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह‘ को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रमुखों को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ में 01 से 03 जून 2023 तक आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव 2023 में उनसे उनके राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह‘ की भागीदारी का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी से इस राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की भव्यता और गरिमा बढ़ेगी। श्री बघेल ने पत्र में यह भी लिखा है कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतर्गत प्रतियोगी कार्यक्रम होंगे, जिसमें प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य नाटिका का विषय महाकाव्य रामायण के अरण्य-कांड पर आधारित होगा। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतों से समृद्ध एक ऐसा प्रदेश है, जिसका श्रीराम, माता कौशल्या व उनके जीवन चरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण से बहुत गहरा संबंध है। हमारे राज्य को श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मभूमि होने का विशेष गौरव प्राप्त है। माता कौशल्या का जन्म तत्कालीन दक्षिण कोसल में हुआ था, जो वर्तमान छत्तीसगढ़ में है। माता कौशल्या को उनके उदार भाव, उनके ज्ञान व श्रीराम के प्रति उनके वात्सल्य भाव के लिये जाना जाता है, यही कारण है कि उन्हें मातृत्व भाव के प्रतीक के रूप में कई स्थानों पर पूजा जाता है, परंतु छत्तीसगढ़ राज्य एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां माता कौशल्या को समर्पित मंदिर स्थापित है, यह मंदिर रायपुर जिले में चन्द्रखुरी नामक स्थान पर स्थित है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि भगवान राम धर्म व सदाचार के प्रतीक के रूप में हमारे देश सहित विदेशों में भी सर्वाधिक पूजनीय देवता है। श्रीराम के चरित्र को सदैव ही एक आदर्श राजा, एक आदर्श पति, एक आदर्श भाई व एक आदर्श पुत्र के रूप में चित्रित किया गया है। रामायण में उनके द्वारा किये गये कार्यों व उनकी शिक्षाओं ने प्राचीन काल से पीढ़ियों को नैतिकता के मार्ग पर चलने व उनका अनुसरण करने हेतु प्रेरित किया है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के लगभग 10 वर्ष अधिकांशतः दण्डकारण्य (ज्यादातर वर्तमान छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश भी) में व्यतीत किये हैं एवं उक्त सभी स्थानों पर श्रीराम की उपस्थिति से संबंधित बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनक्षेत्र के संदर्भ में ऐसी धारणा है कि श्रीराम ने अपने वनवास अवधि का एक महत्वपूर्ण भाग यहां व्यतीत किया था, इसलिए इस क्षेत्र में श्रीराम को समर्पित बहुत से मंदिर एवं पवित्र स्थल स्थित हैं एवं इन स्थलों को तीर्थ स्थली भी माना जाता है। यह क्षेत्र कई आदिवासी समुदायों का भी निवास स्थान माना जाता है, जिन्होंने सदियों से अपने पूर्वजों की परंपराओं व संस्कृति को सहेज कर रखा है। श्रीराम ने छत्तीसगढ़ की दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदियां शिवनाथ व महानदी के तट के निकट अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था।

श्री बघेल ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार प्रदेश के समृद्ध सांस्कृतिक व धार्मिक विरासतों के संरक्षण व प्रचार प्रसार के लिए पूर्णतया समर्पित है। श्रीराम तथा रामायण हमारी संस्कृति का अटूट हिस्सा हैं। अपनी विरासतों एवं श्रीराम से अपने संबंधों के संरक्षण हेतु अपने सतत् प्रयासों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा माता कौशल्या को समर्पित मंदिर के जीर्णाेद्धार का कार्य किया गया है तथा वार्षिक कौशल्या महोत्सव भी मनाया जा रहा है। साथ ही भगवान श्रीराम की यात्रा से जुड़े स्थलों को एकक्रम में व्यवस्थित कर ‘राम वन गमन पथ‘ के रूप में मान्यता देने का कार्य भी राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य शासन द्वारा प्रथम राज्य स्तरीय रामायण मानस मंडली प्रतियोगिता 08 अप्रैल 2022 से 10 अप्रैल 2022 तक जिला जांजगीर-चांपा के शिवरीनारायण नामक नगर में आयोजित किया गया एवं द्वितीय राज्य स्तरीय रामायण मानस मंडली प्रतियोगिता का आयोजन 16 फरवरी 2023 से 18 फरवरी 2023 तक गरियाबंद जिला के राजिम में आयोजित किया गया, जिसमें वियतनाम व श्रीलंका केे विदेशी सांस्कृतिक दलों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि इसी अनुक्रम में हमारे राज्य द्वारा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, जो 01 जून 2023 से 03 जून 2023 तक राम लीला मैदान, रायगढ़, छत्तीसगढ़ में आयोजित होना प्रस्तावित है। यह एक प्रकार का प्रतियोगिता वाला कार्यक्रम होगा, अतएव आपके राज्य से रामायण ‘झांकी प्रदर्शन‘ समूह के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित करते हुए हमें अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है। नृत्यनाटिका का विषय महाकाव्य रामायण के अरण्यकाण्ड पर आधारित होगा। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में आपके राज्य की गरिमामय उपस्थिति से कार्यक्रम की भव्यता व उत्साह में और अधिक वृद्धि होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments