अंबिकापुर। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारी लंबित मांगों की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले एक जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे सहकारी समितियों में ताला लटका है। सहकारी समितियों के कर्मचारी मांगों को लेकर पूर्व में 22 मई से 27 मई 2023 तक काली पट्टी लगाकर काम किए। इसके बाद भी मांगों के प्रति सकारात्मक पहल नहीं करने पर एक जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
सहकारी समिति के कर्मचारियों के आंदोलन में जाने से प्रदेश के 30 लाख किसान परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इनकी प्रमुख तीन मांगों में सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण, वेतनमान सरकारी कर्मचारी की भांति देना व सीधी भर्ती पर रोक लगाना है। कहा गया है कि प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को बैंक के रिक्त पदों पर संविलियन के माध्यम से नियुक्त करना शामिल है। बता दें कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाएं समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद बीज, केसीसी ऋण वितरण, वर्मी खाद वितरण आदि का संचालन किया जाता है। सहकारिता के माध्यम से गांव, गरीब, किसानों की सेवा की जाती है। प्रदेश के 2058 सहकारी समितियां सहकारिता की रीढ़ की हड्डी एवं प्रथम सीढ़ी हैं, जहां 13 हजार कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। इनका कहना है कि उन्हें ना तो सम्मानजनक वेतन दिया जा रहा है और ना ही नियमितीकरण सहित अन्य सुविधाएं मिल पा रही हैं ऐसे में सभी कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है। कर्मचारियों के द्वारा इसकी सूचना प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत व संबंधित सचिवालयों में भी दी है।
सरगुजा जिले में 39 सहकारी समितियों का संचालित हैं। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ की ओर से कलेक्टर सरगुजा, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं अंबिकापुर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को तीन सूत्रीय मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने की सूचना दी गई है।