बलरामपुर: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के स्कूलों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा येजना के तहत छात्राओं को सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए जिस संस्था को अधिकृत किया गया था, उसने गत वर्ष तीन माह तक प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों को मानदेय का भुगतान ही नहीं किया। प्रशिक्षकों ने मानदेय मांगा तो उन्हें धमकी दी जा रही है। प्रशिक्षकों की शिकायत के बावजूद दुबारा शिक्षा अधिकारियों ने उसी संस्था को दुबारा प्रशिक्षण के लिए अधिकृत कर दिया। प्रशिक्षकों ने उक्त संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
छत्तीसगढ़ सरकार की रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा योजना के तहत बलरामपुर जिले के स्कूलों में छात्राओं को सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए गत वर्ष सेल्फ डिफेंस आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया को अधिकृत किया गया था। उक्त संस्था ने बलरामपुर जिले में करीब 50 प्रशिक्षकों को नियुक्त किया था। संस्था द्वारा उन्हें प्रतिदिन एक हजार रुपये का मानदेय दिया जाना था। प्रशिक्षण के बाद संस्था को निर्धारित राशि का भुगतान कर दिया, लेकिन संस्था ने प्रशिक्षकों को मानदेय का भुगतान नहीं किया। प्रशिक्षक वाड्रफनगर निवासी करिश्मा यादव ने बताया कि उसका 70 हजार का मानदेय नहीं दिया गया है। संस्था के छत्तीसगढ़ प्रभारी वरूण पांडेय व विकास दोहरे से पैसे मांगे जाने पर उन्हें धमकी दी जा रही है एवं अपशब्द कहे जा रहे हैं।
प्रशिक्षकों ने इसकी शिकायत कलेक्टर बलरामपुर से की, लेकिन फिर भी उसी संस्था को दुबारा कार्य दे दिया गया। संस्था अब ऐसे नए प्रशिक्षकों को नियुक्त कर रही है, जिन्हें स्वयं ही आत्मरक्षा का ज्ञान तक नहीं है। प्रशिक्षकों ने लंबित मानदेय दिलाने एवं संस्था के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।