गरियाबंद:- गरियाबंद में धान खरीदी बंद होने के 3 माह बाद भी धान का उठाव खत्म नही हुआ है ,वजह खरीदी केंद्रो में धान की कमी और गुणवत्ता हीन धान की मौजूदगी।जिले में अब भी 28 हजार क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है,लेकिन मौके पर इससे कम मात्रा में ही धान मौजूद है।कलेक्टर के निर्देश के बावजुद सहकारिता विभाग ,90 में से 41 केंद्रो में धान की भरपाई नहीं कर पाई है।सहकारिता के इस लापरवाही से नाराज कलेक्टर ने पहले तो इन्हे मिलने वाले व्यय राशि पर रोक लगाने सचिव को पत्र लिखा,फिर नोडल को हटाने लेटर जारी किया ।
जिले के विभिन्न समितियों को शोर्टेज की वसूली के लिए भी सहकारिता से पत्राचार शुरू कर दिया है।इन सबके बीच दो विभाग 3 महीने बाद भी धान का उठाव न होने की जिम्मेदारी एक दूसरे के ऊपर डालकर अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ रहे हैं किंतु इसमें सबसे बड़ा नुकसान उन समितियो का होगा जिन्होंने धान खरीदी किया था और इसके शाटँज की सारी जिम्मेदारी उनके ऊपर डालकर अधिकारी अपना पल्ला झाडना चाहते हैं जबकि धन उठाओ की जिम्मेदारी शासकीय विभाग की होती है
नियमानुसार धान खरीदी के 48 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए जबकि यहां 3 महीने के बाद भी 28 हजार किव्नटल धान का उठाव नहीं हो पाया है ।मामले में जहा सहकारिता ने दूसरे विभाग पर भी ठीकरा फोड़ने की कोशिश किया है तो वही मार्कफेड ने भी शेष धान उठाव नही होने के पीछे सहकारिता विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।