बलरामपुर :-सरगुजा संभाग के ग्राम कंदरी में सनातन धर्म की अलख जगाने के लिए आचार्य सतानंद महाराज वृंदावन धाम के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा, नव कुंडली महायज्ञ के साथ वनवासी श्री राम कथा का आयोजन किया गया। इस कथा आयोजन के दौरान सैकड़ो की संख्या में ईसाई धर्म में शामिल हुए परिवारों ने घर वापसी की।
दरसअल बलरामपुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्राम कंदरी में ढाई सौ साल पुरानी प्राचीन राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। जहा राजा महाराजाओ के शासनकाल के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया गया। लेकिन देखरेख के अभाव में यह मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया था। जहां आज इस मंदिर का स्वरूप अयोध्या में बने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से फिर से पुनः मंदिर में भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया है। वही कहा जाता है कि इस मंदिर में अष्टधातुओं से बनी मूर्तियां मौजूद थी लेकिन 2010 में किसी ने इस मंदिर की मूर्तियां चोरी कर ली गई थी। इसके बाद से लेकर अब बीते कुछ महीनो पूर्व इस राम मंदिर में पुनः मूर्ति स्थापित कर दिया गया है। जहां अब राम भक्त रोजाना इस मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं।
इधर सनातन धर्म की अलख जगाने इस क्षेत्र में पहुंचे आचार्य सतानंद महाराज वृंदावन धाम के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा, नव कुंडली महायज्ञ के साथ वनवासी श्री राम कथा का आयोजन किया गया। इस महायज्ञ के माध्यम से इस क्षेत्र के लोगों को सनातन धर्म के बारे में बताया गया साथ ही सैकड़ो की संख्या में ईसाई धर्म में शामिल हुए परिवारों को भी पैर धोकर घर वापसी करते हुए सनातन धर्म में शामिल किया गया। वहीं लोगों ने भी बताया कि हमने भूल-चूक से ईसाई धर्म में चले गए थे। लेकिन अब घर वापसी कर हमें बहुत अच्छा लग रहा है।
बहरहाल इस 250 साल पुराने राम मंदिर से अष्टधातुओं मूर्तियां चोरी होने के बाद आज तक नहीं मिल सकी। लेकिन इस क्षेत्र के प्रबुद्ध जानो और क्षेत्र वासियों के सहयोग से इस ढाई सौ साल प्राचीन राम मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद राम भगवान सहित राधाकृष्ण की मूर्तियां स्थापित की गई। अब इस प्राचीन मंदिर में फिर से रौनक बढ़ गई है। जहां रोजाना भक्त इस मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं।