भले ही सरगुजा जिले में शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने तमाम दावे करते है लेकिन ग्रामीण इलाकों के शासकीय स्कूलों का हाल बेहाल है ऐसा ही एक शासकीय प्राइमरी स्कुल सोयदा है जो दिन में तो स्कुल रहता है शाम होते ही घर बन जाता है
सरगुजा जिले के ब्लॉक लखनपुर में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला सोयदा स्कूल विहीन है स्कुल संचालन के लिए स्कुल के शिक्षक दर दर भटक रहे है दरअसल सालों पहले स्कुल जर्जर होने की वजह से स्कुल को डिस्मेंटल कर दिया गया जिसके बाद कुछ साल आंगनबाड़ी में स्कुल संचालित किया गया लेकिन आगनबाड़ी के जजर्र होने के बाद दो कमरे के मकान में प्राइमरी स्कुल संचालन किया जा रहा है ओ मकान भी ऐसा की दिन में स्कुल लगाया जाता है और शाम होते ही मकान मालिक खुद रहने पहुंच जाता है सोयदा के इस प्राइमरी स्कुल में पहली से लेकर पांचवी तक 42 बच्चे पढ़ते है पढ़ने वाले बच्चों को पढाई लिखाई करने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है ऐसे में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है स्कुल के प्रधानपाठक का कहना है की स्कुल नहीं होने से बच्चों को मवेशियों की तरह बैठाना पढ़ रहा है जिससे स्कुल में तीन शिक्षक होते हुए भी पढाई नहीं करा पा रहे है ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को सोयदा प्राथमिक शाला स्कुल विहीन होने की जानकारी नहीं है इसके बाद भी स्कुल भवन के लिए अधिकारी कोई ठोस पहल करते नहीं दिखाई दिए जिसके चलते सालों से स्कुल संचालन के लिए शिक्षक दर दर भटक रहे है स्कुल विहीन होने से अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है उनका कहना है की स्कुल भवन नहीं होने से बच्चो की पढाई लिखाई नहीं हो पा रही है अभिभावक जल्द से जल्द स्कुल भवन की मांग कर रहे है दूसरी तरफ जिला शिक्षा अधिकारी ने जल्द स्कुल भवन बनवाने का आश्वासन दिया है बहरहाल एक बार फिर सोयदा प्राथमिक शाला स्कुल के बच्चों के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कुल भवन बनाने का वादा जरूर किया है देखना होगा की स्कुल भवन बनाने में कितना वक्त लगता है और बच्चों की पढाई लिखाई में हो रही परेशानी दूर होती है
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