अंबिकापुर: नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय चुनाव से पहले सर्व आदिवासी समाज की मुहिम बस्तर से सरगुजा तक पहुंच चुकी है। समाज के सदस्यों ने जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि वे आदिवासी महिलाएं, जो गैर आदिवासी व्यक्तियों से विवाह कर राजनीति में भाग ले रही हैं, उन्हें चुनावी प्रक्रिया से रोका जाए।
सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों का आरोप है कि गैर आदिवासी लोग आदिवासी महिलाओं से विवाह कर उन्हें अनुसूचित क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे वे राजनैतिक लाभ उठा रहे हैं। इनका कहना है कि यह साजिश लंबे समय से चल रही है, जिसके जरिए आदिवासी महिलाएं सस्ते राजनीतिक फायदे के लिए फंसाई जा रही हैं।
आदिवासी भाजपा नेता प्रबोध मिंज ने इस मुद्दे को आदिवासी बच्चियों के लिए गंभीर बताया। उन्होंने इसे ‘लव जिहाद’ जैसा साजिश करार देते हुए कहा कि ऐसे गैर आदिवासी लोग आदिवासी महिलाओं का शोषण कर उनके आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही उन्होंने मांग की कि इस पर सख्त कानून बनाकर भविष्य में आदिवासी महिलाओं को इस चंगुल से बचाया जाए।