सूरजपुर प्रथम जिला है जहां डिजिटल बस चलेगी, जो की पूर्ण रूप से होगी निःशुल्क
सूरजपुर: सक्षम सूरजपुर अभियान अंतर्गत जिला प्रशासन सूरजपुर ने एक अभिनव पहल करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी व कंप्यूटर साक्षरता दर बढ़ाने हेतु डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन (डिजिटल बस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 20 कंप्युटर से लैस यह डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन ( डिजिटल बस) की ख़ासियत यह रहेगी कि ये लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें कंप्यूटर और डिजिटल माध्यम से संबंधित बुनियादी शिक्षा से परिचित करवायेगी। जिससे जुड़ कर अभ्यर्थी व आमजन डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनेंगे।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन एन.आई.आई.टी. फाउंडेशन द्वारा संचालित तथा इंडस टावर द्वारा वित्त पोषित है। इसके सदस्यों द्वारा आज कोर्स के लिये पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति में जिला संयुक्त कार्यालय के सभा कक्ष में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन व कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास ने कहा आज के समय को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का युग बताते हुए उपस्थित बच्चों को समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होने उपस्थित जनों और मीडिया साथियों के माध्यम से जिलेवासियों को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन से जुड़ने की अपील की ताकि गांव-गांव तक जाने वाली इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन से जुड़कर ज्यादा से ज्यादा लोग लाभांवित हो सकें और सूचना प्रौद्योगिकी, कम्पयूटर व डिजिटल शिक्षा का हिस्सा बन सकें।
पीएम-दिशा (प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान) से प्रेरणा लेकर जिला सूरजपुर में सक्षम सूरजपुर अभियान अंतर्गत डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन (डिजिटल बस) के माध्यम से दूरस्थ ग्राम अंचलों में 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान किया जायेगा। जिसमें युवा से लेकर अन्य आयु वर्ग के लोगों का पंजीयन कर उन्हें डिजिटल साक्षरता, बेसिक आईटी शिक्षा और साइबर सिक्योरिटी में सर्टिफिकेट कोर्स कराए जाएंगें। इसके साथ ही कोर्स को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार छ.ग. राज्य अंतर्गत जिला सूरजपुर प्रथम जिला है जहां डिजिटल बस चलेगी, जो की पूर्ण रूप से निःशुल्क होगी। उन्होंने आगे बताया कि डिजिटल बस में 20 कम्प्यूटर सिस्टम लगे हुए है। जिससे एक ही समय में 20 अभ्यर्थियों को एक साथ डिजिटल शिक्षा का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सूरजपुर जिले के अतंर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रतिमाह 07 से 08 स्थानों को चिन्हित कर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन के माध्यम से लगभग 150 से 160 अभ्यर्थियों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ने का प्रयास संस्था द्वारा किया जायेगा। यह डिजिटल बस पंजीकृत अभ्यर्थियों के लिए सोमवार से शुक्रवार तक चलेगी। इसके साथ ही शनिवार व रविवार के दिन सामूहिक साक्षरता के माध्यम से भी डिजिटल साक्षरता अभियान चलाया जाएगा। सूरजपुर जिले में 06 माह की अवधि तक डिजिटल बस अपनी सेवा देगी, जिसमें लगभग 1000 लोग डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़कर लाभान्वित होंगें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 40 बच्चों का पंजीयन हो चुका है। जिनसे दो बैंच निर्मित किये गए है। शुरूआती रूट चार्ट अतंर्गत सूरजपुर जिले अतंर्गत में कोट, आमगांव, पटना, पस्ता, सोनपुर में डिजिटल बस चलेेगी, जिसका दायरा समय अनुसार बढ़ता जायेगा।डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन (डिजिटल बस) द्वारा डिजिटल बैंकिंग से लेकर साईबर सिक्योरिटी की मिलेगी शिक्षा- सक्षम सूरजपुर अतंर्गत चलने वाली यह डिजिटल बस मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रवासियों को सूचना प्रौद्योगिकी या कम्प्यूटर से संबंधित तकनीकी ज्ञान से अवगत कराते हुए साक्षर बनाएगी। डिजिटल साक्षरता के अतंर्गत अभ्यर्थियों को डिजिटल बैकिंग, इन्टरनेट ब्राउजिंग, ईमेल का उपयोग, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल और बढ़ते हुये साइबर फ्रॉड से बचने के लिए साइबर सिक्योरिटी के बारे में भी शिक्षा दी जाएगी।
सोलर पैनल व हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से लैस है डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन (डिजिटल बस) – डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन वेन( डिजिटल बस) में कुल 20 कंप्यूटर सिस्टम लगे हैं, जिसके माध्यम से एक ही समय में 20 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षार्थियों को निर्बाध सेवा प्राप्त हो इसके लिए डिजिटल बस में कंप्यूटर सिस्टम के साथ-साथ एलईडी टीवी, डिजिटल बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्बाध संचालन के लिए जनरेटर व सोलर पैनल भी स्थापित है। इसके साथ ही बस का प्रशिक्षण कक्ष वातानुकूलित है। बस में एक एलईडी टीवी बाहर की ओर लगा है, जिसका उपयोग सामूहिक साक्षरता कार्यक्रम के लिए किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ कमलेश नंदनी साहू, अनुराग सक्सेना (इंडस टावर एचआर हेड), मनोज कुमार सिंह (इंडस टावर एरिया मैनेजर), जितेन्द्र राठौर (एनआईआईटी प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर), बादल गोस्वामी एवं अभिषेक पाण्डेय व अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।