Sunday, November 24, 2024
HomeUncategorizedमजदूर ने छोड़ी मजदूरी बना कृषक कहा "गौठान में सब्जी उत्पादन से...

मजदूर ने छोड़ी मजदूरी बना कृषक कहा “गौठान में सब्जी उत्पादन से हो रही आमदनी तो कहीं और क्यों जाना”

भूमिहीन संतराम ने छोड़ दी मजदूरी, कहा जब गौठान में सब्जी उत्पादन से हो रही आमदनी, तो कहीं और क्यों जाना
राधाकृष्ण समूह से जुड़कर संतराम सब्जियां उगा रहे, वहीं इसी गौठान में अनमोल समूह की महिलाएं गर्मी के सीजन को देखते हुए कर रही हैं खीरे की खेती

अम्बिकापुर कुंवरपुर ग्राम गौठान में बाड़ी विकास योजना के तहत भूमिहीन ग्रामीण संतराम सब्जी उत्पादन के जरिए आय अर्जित कर रहे हैं। सरगुजा जिले के कुंवरपुर गौठान में बाड़ी विकास योजना के माध्यम से संतराम सीजन के अनुसार सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं।
संतराम बताते हैं कि उनके परिवार में 12 सदस्य हैं। जमीन नहीं थी तो मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना और गोधन न्याय योजना के तहत गांव में गौठान बने हैं। पत्नी चंद्रमणि भी कुंवरपुर गौठान में राधा कृष्ण महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं, तो वे भी समूह से जुड़कर पत्नी के साथ बाड़ी विकास का काम करने लगे।
कुंवरपुर गौठान अनुमानित 07 एकड़ में बनाया गया है। जिसमें संतराम महज एक एकड़ में शासन की योजना का लाभ उठाते हुए सब्जी की खेती करते हैं। संतराम ने समूह के साथ मिलकर सब्जी लगाना शुरू किया। लगातार काम करते रहने से आमदनी बढ़ी तो उन्होंने ने मजदूरी छोड़ कर गौठान में अपना पूरा समय देना शुरू किया। अब वे अच्छे से देखभाल करते हुए सब्जियां उगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीते सीजन में आलू का उत्पादन करके 45 हजार रुपए कमाया, अभी भिंडी की खेती कर सप्ताह में 5 हजार रुपए तक की भिंडी बेच रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं राज्य सरकार की योजना की सराहना करते हुए संतराम कहते हैं कि शासन की इस योजना ने हम जैसे लोगों को आय का साधन दिया है। उन्होंने बताया कि सब्जी उत्पादन के लिए गौठान में बने वर्मी कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उपज अच्छी होती है। साथ प्रशासन द्वारा उद्यानिकी विभाग से ड्रिप इरीगेशन सिस्टम दिया है, जिससे पानी की बचत हो रही है।
कुंवरपुर गौठान में ही एक अन्य समूह भी आजीविका गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। अनमोल समूह की महिलाएं गर्मी के सीजन को देखते हुए खीरा उत्पादन का काम कर रही हैं। यहां एक एकड़ में खीरे की खेती की गई है। महिलाओं का कहना है कि पहले घर के ही कामों में दिन बीतता था, अब गौठान आकर सब्जी उत्पादन जैसी आजीविका गतिविधि से जुड़े हैं तो अलग तरह का अनुभव मिल रहा है। मेहनत कर रहे हैं और उसकी कीमत भी मिल रही है। गौठान में आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे अपने हाथों कमाई का अवसर मिला है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments